ढाबा और आबकारी नाका से महीना वसूली की थी तैयारी
राजनांदगांव. डोंगरगढ़ अंतर्गत आने वाले बोरतलाब क्षेत्र में एक युवक पुलिस की वर्दी पहनकर अवैध वसूली और आसपास के लोगों को डराने धमकाने का काम कर रहा था. युवक अपने आपको बोरतलाब का नया थानेदार हूं कहकर वसूली की बातकर रहा था. जिसकी जानकारी पुलिस को लगते ही पुलिस ने घेराबंदीकर उक्त युवक को गिरफ्तार कर लिया है. जिसके खिलाफ धारा 170,171,384,419 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति पुलिस के चितकबरे ड्रेस में दो स्टार लगाकर ग्राम बोरतलाव आबकारी नाका के पास घुम रहा था और लोगों को डरा-धमका रहा था, कि मैं नया थानेदार आया हूं। जिसकी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने गवाह तामेश्वर वर्मा पिता मांगीलाल वर्मा उम्र 21 साल निवासी पीटेपानी , दुर्गेश बडोले पिता श्रीराम बडोले उम्र 33 साल निवासी बोरतलाव, थाना बोरतलाव, जिला राजनांदगांव तथा स्टाफ एवं गवाहगण आबकारी जांच नाका के पास पहुंचे तो देखा किवहां काफी लोग खड़े हुये थे, तथा एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी पहने तथा कंधे पर दो स्टार लगाये हुये है. जिसे घेराबंदी कर पकड़ा गया, और पूछताछ की गई. उक्त व्यक्ति ने अपना नाम गुप्तेश्वर तिवारी उर्फ टिल्लू तिवारी पिता स्व. प्रकाश तिवारी उम्र 26 साल निवासी चगुर्दा, थाना गातापार, जिला केसीजी का रहने वाला बताया. वहीं कड़ी पूछताछ में पुलिस की वर्दी पहनकर लोगो को डराना धमकाना भी बताया है.। जिस पर धारा 91 जा.फौ. का नोटिस देकर पुलिस ड्रेस पहनने एवं वैध कागजात की मांग करने पर लिखित में नहीं होना बताने पर गवाहो के साथ थाना लाया गया. आरोपी गुप्तेश्वर तिवारी उर्फ टिल्लू पर धारा 170,171,384,419 के तहत कार्रवाई की गई है.
पुलिस की पेट्रोलिंग में चलता था युवक
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुप्तेश्वर तिवारी निवासी चगुर्दा, थाना गातापार पहले अलग- अलग थाना अंतर्गत पुलिस पेट्रोलिंग में कार्यरत था. उक्त युवक के खिलाफ पहले भी मामला दर्ज किया जा चुका है. बताया जा रहा है कि उक्त युवक के हावभाव, चाल- चलन और बातचीत से कोई भी सामान्य व्यक्ति उसे पुलिस वाला ही समक्ष लेता था. जिसका फायदा उठाकर अवैध वसूली का काम आसानी से कर लेता था.
प्रभारियों को फोन पर कहता था कि मैं सीआईडी से हूं ?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुप्तेश्वर तिवारी जिस जगह पर जाता था वहां के थाना और चौकी प्रभारियों को अपनी पहचान के रूप में फोन पर कभी सीआईडी से हंू तो कभी स्पेशल टीम से आया हूं बताता था, और कहता था कि मुझे जरूरत पकड़ी तो मदद करना.